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वक़्फ़ संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुसैनाबाद में पुरअम्न मौन जुलूस की तैयारियाँ जोरों पर, इंतेज़ामात का लिया गया जायज़ा husainabad news rbc today

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जायजा के पलों की झलक


शांतिपूर्ण मार्च के ज़रिए पेश होगा लोकतांत्रिक विरोध


हुसैनाबाद (पलामू) | RBC ख़ास रिपोर्ट सरकार द्वारा पारित नए वक़्फ़ संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के मुस्लिम समाज में भी गहरा असंतोष और बेचैनी महसूस की जा रही है। इसी सिलसिले में 21 अप्रैल को एक पुरअम्न और अनुशासित मौन जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया है, जिसकी तमाम तैयारियाँ अब मुकम्मल हो ने को हैं।

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मदरसा ख़ैरुल इस्लाम में बैठक के पलों की झलक 


मदरसा खैरुल इस्लाम में हुई महत्वपूर्ण बैठक, 11 सरपरस्तों ने लिया साझा निर्णय


आज हुसैनाबाद  मदरसा खैरुल इस्लाम में आयोजित एक अहम बैठक में समुदाय के 11 वरिष्ठ सरपरस्तों और प्रबुद्धजनों ने हिस्सा लिया। बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि जुलूस इमली के ऐतिहासिक पेड़ के नीचे से आरंभ होकर अनुमंडल कार्यालय तक जाएगा, जहां एक प्रतिनिधिमंडल उपविभागीय पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगा।


सामाजिक सहमति के साथ तय हुआ आयोजन स्थल

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उपस्थित अतिथियों की झलक 


आयोजन की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए स्थल का भौतिक निरीक्षण (मुशाहिदा) किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां की परिस्थिति सुरक्षित, प्रतीकात्मक और सामाजिक दृष्टिकोण से अनुकूल हो। शेख मुजाहिद हुसैनाबादी ने बताया कि स्थल पर सारी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित कर दी जाएंगी  और स्थानीय आवाम का भी भरपूर समर्थन प्राप्त है। मेरे भाइयों के साथ उनके दोस्त भी इस आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगें ताकि आने वाले अतिथियों हौसला बना रहे।


जुलूस का स्वरूप शांत, मर्यादित और व्यवस्थित रहेगा


बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि यह एहतिजाज पूरी तरह शांतिपूर्ण, मौन और अनुशासित होगा। प्रतिभागी अपने हाथों में तख़्तियाँ लेकर वक़्फ़ संशोधन क़ानून के विरुद्ध विरोध दर्ज कराएंगे। यह तख़्तियाँ पहले से सभी गांवों में वितरित कर दी गई हैं ताकि संदेश में एकरूपता बनी रहे। जुलूस की व्यवस्था के लिए बीच-बीच में ज़िम्मेदार लोग तैनात रहेंगे, जो अनुशासन सुनिश्चित करेंगे।


वक़्फ़ की मिल्कियत एक दीनी अमानत है" – वक्ताओं ने रखी भावनात्मक अपील

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उपस्थित लोग 

वक्ताओं ने ज़ोर देकर कहा कि वक़्फ़ की संपत्ति, इस्लामिक शरीअत के मुताबिक, अल्लाह की राह में दी गई एक अमानत है, जिसे किसी भी हालत में व्यक्तिगत या सरकारी उपयोग के लिए नहीं बदला जा सकता। उन्होंने इस क़ानून को एकतरफा और तजावुज़ी (अतिक्रमणकारी) बताते हुए “काला क़ानून” क़रार दिया और कहा कि जब तक यह संशोधन रद्द नहीं किया जाता, संवैधानिक दायरे में रहकर लोकतांत्रिक तरीक़े से आंदोलन जारी रहेगा।


सियासी और समाजी तंजीमों को भेजा गया खुला निमंत्रण, आयोजन रहेगा ग़ैर-सियासी


बैठक में यह भी तय किया गया कि जो भी सियासी दल या समाजिक संगठन इस क़ानून का विरोध करते हैं, उन्हें कार्यक्रम में शरीक होने का खुला निमंत्रण भेजा गया है। स्थानीय विधायक संजय कुमार सिंह यादव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण सिंह, और इंडिया गठबंधन से जुड़े प्रतिनिधियों सहित कई ग़ैर-सियासी तंजीमों को भी दावत दी गई है। हालांकि यह साफ़ कर दिया गया कि आयोजन पूरी तरह ग़ैर-सियासी और सामाजिक स्वरूप में आयोजित किया जाएगा।


प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति ने आयोजन को दी मजबूती और मर्यादा


इस बैठक और स्थल निरीक्षण में एजाज़ हुसैन उर्फ़ छेदी ख़ान, मसरूर अहमद, अब्बास अंसारी, नवाज़िश ख़ान, गुलाम मोहम्मद अमीन अली ख़ान, गयासुद्दीन सिद्दीकी, शकील अहमद, सैयद फ़िरोज़ हुसैन, पत्रकार जफर हुसैन, अफ़रोज़ अहमद, परवेज़ अहमद, महताब आलम , नसीर अहमद, मोहसिन अहमद, सैयद मोबीन अहमद, प्यारे हुसैन, चंगेज सिद्दीकी, असलम खान, ज़ुबैर अंसारी, रिजवान, युनुस अंसारी, नेहाल मिर्ज़ा,अरशद हुसैन ,  सहित कई अन्य सम्मानित हस्तियों ने भाग लिया। सभी ने आयोजन को गरिमामयी, उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने का संकल्प लिया।

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