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महुडंड पंचायत सचिवालय में पंचायत सहायकों की नियुक्ति: एक विस्तृत विश्लेषण palamu news today rbc

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हुसैनाबाद पलामू 


Palamu 

परिचय:
हुसैनाबाद प्रखंड के महुडंड पंचायत सचिवालय में तीन पंचायत सहायकों की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय है, जो पंचायत स्तर पर जनकल्याणकारी योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध होगा। यह निर्णय झारखंड सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत लिया गया, जिसका उद्देश्य पंचायतों को डिजिटल और सुदृढ़ बनाना है।

1. पंचायत सहायकों की नियुक्ति की पृष्ठभूमि


सरकार ने पंचायतों में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल पंचायत योजना, पंचायत सुंदरीकरण योजना एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी बनाने की दिशा में पंचायत सहायकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इस प्रक्रिया में, पूर्व से कार्यरत पंचायत स्वयं सेवकों को पंचायत सहायक के रूप में नियुक्त किया गया।

मुख्य प्रशासनिक निर्णय:

जिला पंचायत राज पदाधिकारी पलामू के पत्रांक 46/जि. प. (दिनांक 29/01/2025) एवं
प्रखंड कार्यालय हुसैनाबाद के पत्रांक 207 (दिनांक 05/02/2025) के आदेशानुसार,
पंचायत स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित करने तथा योजनाओं के संचालन हेतु पंचायत सहायकों का चयन किया गया।

2. ग्राम सभा का आयोजन और चयन प्रक्रिया


इस निर्णय को ग्राम सभा की स्वीकृति से लागू किया गया। पंचायत सचिवालय के सभा कक्ष में मुखिया मीना देवी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत कर्मियों और ग्रामीणों की सहमति से तीन पंचायत सहायकों का चयन किया गया।

चयनित पंचायत सहायक:
नाम पिता का नाम भूमिका
मसउद आलम शेख मो. यूसुफ अंसारी पंचायत सहायक
उपेंद्र कुमार यादव सूर्यदेव यादव पंचायत सहायक

जितेंद्र कुमार यादव राजेंद्र यादव पंचायत सहायक
यह चयन पंचायत सचिवालय की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है।

3. पंचायत स्तर पर इस निर्णय का प्रभाव


(i) पंचायत की प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि:
नए पंचायत सहायकों के चयन से पंचायत के कार्यों में गतिशीलता आएगी। इससे न केवल पंचायत भवन में योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू होगा, बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

(ii) डिजिटल पंचायत और हेल्प डेस्क की स्थापना:
डिजिटल पंचायत योजना के तहत पंचायतों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे सरकारी योजनाओं और लाभार्थियों की सूची का बेहतर प्रबंधन संभव हो सकेगा। पंचायत सहायकों की मदद से पंचायत स्तर पर हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी, जिससे ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी।

(iii) पंचायत के विकास कार्यों में तेजी:
चयन प्रक्रिया के बाद, पंचायत सचिव परशुराम प्रसाद ने कहा कि पंचायत सहायकों के आने से जनकल्याणकारी योजनाओं के संचालन में तेजी आएगी और सचिवालय का कामकाज सुचारू रूप से चलेगा।

4. इस निर्णय से जुड़ी चुनौतियाँ और संभावनाएँ


(i) संभावित चुनौतियाँ:

पंचायत सहायकों की प्रशिक्षण प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण चरण होगा, जिससे वे पंचायत स्तर पर कार्यों को प्रभावी रूप से कर सकें।
डिजिटल पंचायत योजना को सही ढंग से लागू करने के लिए तकनीकी सहायता की आवश्यकता होगी।
जनप्रतिनिधियों और पंचायत सहायकों के बीच सहयोग और समन्वय को बेहतर बनाना होगा।
(ii) संभावनाएँ और लाभ:
पंचायत के सुचारू प्रशासनिक संचालन में सुधार आएगा।
ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ प्राप्त करने में सुविधा होगी।
पंचायत सहायक ग्राम सभा और अन्य पंचायत बैठकों में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाकर ग्रामीण विकास में योगदान देंगे।

5. कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोग


ग्राम सभा में पंचायत के कई महत्वपूर्ण लोग शामिल हुए, जिनमें—

मुखिया पति: शिवशंकर यादव
पंचायत सचिव: परशुराम प्रसाद
पंचायत समिति सदस्य: रमेश राम
उप मुखिया: रामबली यादव
वार्ड सदस्य: सफीना बीबी, चिंता देवी, सुनीता देवी
अन्य: सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति रही
निष्कर्ष:

महुडंड पंचायत सचिवालय में पंचायत सहायकों की नियुक्ति स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाने और सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल न केवल पंचायतों के सुचारू संचालन में मदद करेगी, बल्कि ग्रामीण विकास की प्रक्रिया को गति देने में भी सहायक होगी। हालांकि, इस योजना की सफलता प्रशिक्षण, समन्वय, और डिजिटल ढांचे की मजबूती पर निर्भर करेगी।

आने वाले समय में पंचायत सहायकों की भूमिका पंचायत प्रशासन में एक महत्वपूर्ण स्तंभ साबित हो सकती है, जिससे पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा।

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