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हुसैनाबाद में पीसीसी सड़क निर्माण पर उठे सवाल: 19 दिन में 20 लाख की बर्बादी, सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप palamu news today rbc channel

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Husainaabad 


हुसैनाबाद नगर पंचायत अंतर्गत बनाई गई पीसीसी सड़क को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह सड़क पूर्व से निर्मित नहर के पिंड पर बनाई गई थी और इसके निर्माण का शिलान्यास 26 जनवरी को किया गया था। इस अवसर पर विधायक संजय कुमार यादव, पलामू सांसद बीडी राम, नगर अध्यक्ष शशि कुमार समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

शिलान्यास समारोह में स्थानीय नेताओं ने हुसैनाबाद के विकास की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया था। लेकिन महज 19 दिनों के भीतर ही इस सड़क को नहर निर्माण के चलते उखाड़ दिया गया, जिससे 20 लाख रुपये से अधिक की सरकारी राशि व्यर्थ चली गई। यह मामला अब सरकारी धन के दुरुपयोग और लापरवाही का प्रतीक बन गया है।

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हुसैनाबाद ग्राउंड रिपोर्ट की झलक


निर्माण में अनदेखी और लापरवाही के आरोप

अधिवक्ता सह भाजपा नेता प्रेमतोश उर्फ गुड्डू सिंह ने इस मुद्दे पर खुलकर विरोध जताया और प्रशासन से सवाल किए। उन्होंने कहा कि क्या नगर पंचायत को जानकारी नहीं थी कि इस क्षेत्र में नहर का निर्माण किया जाएगा? यदि सड़क निर्माण की योजना बनाई गई थी, तो क्या पहले सर्वेक्षण नहीं किया गया था? क्या कार्यपालक पदाधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह सड़क कितने समय तक उपयोग में आ सकेगी?

जनता के करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग

स्थानीय नागरिकों और नेताओं का कहना है कि सरकार की योजनाओं को लागू करने में मनमानी हो रही है। 20 लाख रुपये से बनी सड़क मात्र 19 दिन में बर्बाद हो गई, जिससे जनता में आक्रोश व्याप्त है।  भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश कुमार कारण  ने आरोप लगाया कि सड़क की गुणवत्ता भी बेहद खराब थी। रोड निर्माण में बालू का सही उपयोग नहीं किया गया  और ठेकेदारों ने सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर दी।

भ्रष्टाचार और सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग

नगर पंचायत क्षेत्र में इस तरह के कई और उदाहरण देखने को मिल रहे हैं, जहां आधी-अधूरी सड़कें और नालियां बनाई जा रही हैं। इससे साफ पता चलता है कि सरकारी योजनाओं के नाम पर सिर्फ पैसे की बंदरबांट की जा रही है। विधायक संजय कुमार यादव और सांसद विधि राम से मांग की जा रही है कि इस घोटाले की जांच करवाई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

भविष्य की योजना और सुधार की आवश्यकता

नगर पंचायत में विकास की योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू करने की जरूरत है। हर योजना को पहले सर्वेक्षण और उचित योजना के तहत लागू किया जाना चाहिए ताकि सरकारी धन की बर्बादी न हो। साथ ही, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित की जानी चाहिए।

निष्कर्ष:         


           

यह घटना न केवल हुसैनाबाद नगर पंचायत बल्कि पूरे झारखंड के विकास कार्यों पर सवाल खड़े करती है। जनता के पैसे का सही उपयोग हो, इसके लिए पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है। इस मामले में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को संज्ञान लेना चाहिए और भविष्य में इस तरह की लापरवाहियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए

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