झारखंड का बराही धाम बनेगा धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र: आलोकBarahi Dham of Jharkhand will become a center of religious and cultural tourism: Alok
351 फीट ऊंचा मां दुर्गा का मंदिर और 151 फीट नवग्रह मंदिर होगा मुख्य आकर्षण
14 अप्रैल 2025 को भूमि पूजन समारोह, रोजगार और विकास को मिलेगा बढ़ावा
प्रेस कांफ्रेंस करते हुए जिप उपाध्यक्ष आलोक |
हुसैनाबाद, झारखंड: झारखंड के ऐतिहासिक धार्मिक स्थल बराही धाम में एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। यहां 351 फीट ऊंचा मां दुर्गा का मंदिर बनाया जाएगा, जो विश्व का सबसे ऊंचा दुर्गा मंदिर होगा। इस मंदिर के साथ 151 फीट ऊंचा नवग्रह मंदिर भी स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना न केवल झारखंड को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करेगी, बल्कि क्षेत्र के विकास और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
इस मंदिर की आधारशिला 14 अप्रैल 2025 को एक भव्य भूमि पूजन समारोह के साथ रखी जाएगी। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देशभर के साधु-संत और धर्मगुरु शामिल होंगे। प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य महाराज मुख्य आकर्षण होंगे।
नवग्रह के भव्य मंदिर का प्रारूप |
यह जानकारी शुक्रवार को शिवांश चैरिटेबल ट्रस्ट और बराही धाम समिति द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह (टूटू सिंह) ने की। इस अवसर पर रणधीर सिंह, संजय कुमार सिंह, अयोध्या सिंह टिकैत, और सुदामा यादव समेत ट्रस्ट और समिति के कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।
विश्व के सबसे ऊंचे मां दुर्गा मंदिर की विशेषताएं
शिवांश चैरिटेबल ट्रस्ट के संयोजक रणधीर सिंह ने बताया कि यह मंदिर भारतीय वास्तुकला और आधुनिक तकनीक का अद्वितीय मिश्रण होगा। मंदिर की विशेषताएं हैं:
मंदिर की ऊंचाई 351 फीट होगी, जो इसे विश्व का सबसे ऊंचा मां दुर्गा मंदिर बनाएगी।
151 फीट ऊंचा नवग्रह मंदिर धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व का केंद्र बनेगा।
यह मंदिर पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों से निर्मित होगा और देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
रणधीर सिंह ने बताया कि 105 फीट ऊंची दक्षिणमुखी हनुमान जी की प्रतिमा, जो पहले ही बराही धाम को विशिष्ट बनाती है, मंदिर परिसर का एक अहम हिस्सा रहेगी। हनुमान प्रतिमा की स्थापना के दौरान खुदाई में मां दुर्गा की एक प्राचीन प्रतिमा प्राप्त हुई थी। इसी प्रेरणा से इस भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया गया।
धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनेगा बराही धाम
बराही धाम पहले से ही झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
वैदिक शिक्षा केंद्र: मंदिर परिसर में संचालित यह केंद्र धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान का प्रसार करता है।
भंडारे का आयोजन: प्रत्येक मंगलवार को यहां भंडारा आयोजित किया जाता है, जिससे क्षेत्र की सामाजिक एकजुटता मजबूत होती है।
पर्यटन और रोजगार: मंदिर निर्माण से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों का विस्तार होगा।
भूमि पूजन समारोह का महत्व
14 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाले इस समारोह में देशभर के साधु-संतों की उपस्थिति होगी। प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य महाराज मुख्य अतिथि के रूप में भूमि पूजन करेंगे। यह आयोजन झारखंड को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना धार्मिक आस्था और क्षेत्रीय विकास दोनों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
पर्यटन और विकास को मिलेगा बढ़ावा
मंदिर निर्माण से झारखंड में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।
रोजगार के नए अवसर: मंदिर निर्माण और उसके बाद पर्यटन गतिविधियों से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
आर्थिक विकास: स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और झारखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
वैश्विक पहचान: यह परियोजना झारखंड को धार्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद प्रमुख हस्तियां
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी और स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे। प्रमुख उपस्थित लोग:
आचार्य शिव कुमार झा
कमला सिंह
राजेश्वर सिंह
धनंजय सिंह
मनोज कुमार गुप्ता
मंगल यादव
सभी ने इस परियोजना को क्षेत्र के विकास और धार्मिक आस्था को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।
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