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झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: सदर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू, जानिए चुनाव आयोग के कड़े दिशा-निर्देश vidhan sabha election palamu news today

बैठक करते अधिकारी
बैठक संपन्न 

           

मेदिनीनगर (पलामू), 15 अक्टूबर 2024 – झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसी क्रम में पलामू जिले के सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुलोचना मीना ने अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह निषेधाज्ञा 15 अक्टूबर 2024 से मतगणना समाप्ति तक प्रभावी रहेगी। निषेधाज्ञा का मुख्य उद्देश्य चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करना है।

निषेधाज्ञा का प्रभाव और नियम

निषेधाज्ञा के अंतर्गत निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं:

पलामू उपायुक्त बैठक
           

घातक हथियार और विस्फोटक पदार्थों पर प्रतिबंध: अनुमंडल क्षेत्र में किसी भी प्रकार के आग्नेयास्त्र, घातक हथियार या विस्फोटक पदार्थ लाने-ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, यह नियम सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और पुलिसकर्मियों पर लागू नहीं होगा।

सार्वजनिक स्थानों पर सभा और जुलूस पर रोक: सरकारी संस्थान जैसे महाविद्यालय, उच्च विद्यालय, प्राथमिक और मध्य विद्यालय, और किसी भी आम भूमि पर आमसभा या जुलूस का आयोजन बिना अनुमंडल कार्यालय की अनुमति के प्रतिबंधित रहेगा। शव यात्रा, शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य इस नियम से मुक्त रहेंगे।

ध्वनि विस्तारक यंत्र का सीमित उपयोग: सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग अनुमंडल कार्यालय की पूर्वानुमति के साथ किया जा सकेगा। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर कोई रोक नहीं होगी, लेकिन वहां से चुनाव प्रचार करना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

               

चुनाव प्रचार और पोस्टर, बैनर पर कड़ी निगरानी: सार्वजनिक या निजी संपत्तियों पर पोस्टर चिपकाना, झंडा लगाना, नारे लिखना, बैनर और होर्डिंग्स लगाना बिना अनुमति के पूरी तरह वर्जित होगा। उम्मीदवारों से अपेक्षा की गई है कि वे ऐसा कोई कार्य न करें जिससे धार्मिक, साम्प्रदायिक या जातीय भावनाओं को ठेस पहुंचे या तनाव पैदा हो।

आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। मतदान के दिन और मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले तक किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभा आयोजित नहीं की जा सकेगी। मतदान केंद्र के 100 मीटर के अंदर किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार पर सख्त पाबंदी रहेगी।

इसके अलावा, मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने के लिए वाहनों का उपयोग भी वर्जित रहेगा। इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रहेगी।

धर्मस्थलों का चुनाव प्रचार के लिए उपयोग वर्जित

मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा जैसे धर्मस्थलों का चुनाव प्रचार के लिए उपयोग करना सख्त मना है। किसी उम्मीदवार की आलोचना सिर्फ उसके सार्वजनिक जीवन तक सीमित रहनी चाहिए, और असत्य या अप्रमाणित आरोप लगाने से बचा जाना चाहिए।

उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के लिए विशेष निर्देश

प्रत्येक उम्मीदवार को अपने समर्थकों को कानून के तहत चुनाव प्रचार करने के लिए प्रेरित करना होगा। किसी भी प्रकार की अशांति या अनुचित गतिविधि पर प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यदि दो उम्मीदवार एक ही क्षेत्र में सभा या जुलूस का आयोजन कर रहे हैं, तो ध्वनि विस्तारक यंत्रों का मुंह विपरीत दिशा में रखना अनिवार्य होगा। जुलूस निकालने के लिए स्थानीय पुलिस थाने में एक दिन पहले सूचना देनी होगी और यातायात में बाधा उत्पन्न न हो, इसका ध्यान रखना होगा।

चुनाव प्रचार में नियमों का पालन अनिवार्य

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए कई कड़े निर्देश जारी किए हैं। उम्मीदवारों को अपने प्रचार अभियानों में इन नियमों का पूरी तरह पालन करना होगा। इन नियमों का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है, जिससे चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अस्थिरता या अव्यवस्था न फैले।

निषेधाज्ञा का उद्देश्य

निषेधाज्ञा का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और कानूनी दायरे में संपन्न कराना है। यह नियम न सिर्फ उम्मीदवारों के लिए बल्कि उनके समर्थकों और आम जनता के लिए भी आवश्यक हैं। निषेधाज्ञा के उल्लंघन पर संबंधित अधिकारियों द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पलामू जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, ताकि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके। सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और जनता से अपील है कि वे इन नियमों का पालन करें और चुनाव प्रक्रिया में सहयोग करें।

इस प्रकार, निषेधाज्ञा लागू होने से चुनाव के दौरान शांति और सुरक्षा सुनिश्चित होगी, जिससे चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सकेगा।

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