पलामू प्रमंडल में मंईयां सम्मान यात्रा का हुआ समापन, कई यात्राओं में अविनाश देव रहे उपस्थितMainiyan Samman Yatra concluded in Palamu division, Avinash Dev was present in many yatras
पलामू प्रमंडल में मंईयां सम्मान यात्रा का हुआ समापन, कई यात्राओं में अविनाश देव रहे उपस्थित Mainiyan Samman Yatra concluded in Palamu division, Avinash Dev was present in many yatras
कल्पना सोरेन मुर्मू वा अविनाश देव |
धरती आबा के धरोहर पर सिर्फ तीर-धनुष की है जरूरत : अविनाश देव
मेदिनीनगर। केंद्र में बैठी सरकार की पार्टी दहशत पैदा कर हर राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हर हथकंडे का इस्तेमाल कर राज्य सरकार को कैदखाने में डाल संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाते, लोकतांत्रिक मूल्यों का चरित्र हनन करते, लूट-झूठ, सूट-बूट व जूट-टूट की सरकार बनाने पर आमादा है। खानों से खनिज संपदा को लूटकर कॉरपोरेट यारों के झोली में देने की साजिश है।
इस साजिश को जनता समझ रही है और इसे बेनकाब करने के लिए हेमंत सोरेन की सरकार ने कमर कस ली है। उक्त बातें झामुमो युवा नेता अविनाश देव ने कही। आगे उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार परिवर्तन यात्रा कर रही है। परवर्तन तो होगा, किंतु तीर और कमान से और इसके लिए गांडेय विधायक कल्पना सोरेन मंईयां के सम्मान में परचम बनता आंचल जंगे-मैदान में दिख रहा है।
मंईयां सम्मान यात्रा का आगाज पलामू प्रमंडल से हुई, जिनमें दीपिका पांडेय सिंह व बेबी देवी नेतृत्व कर रही हैं, वहीं मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर व बैद्यनाथ राम जनता का जनसैलाब जुटाकर जमीनी ताकत देने पर लगे हुए हैं। इसके अलावे, कल्पना जी का अकल्पनीय वक्तव्य का हर मां-बहनें मुरीद हैं। उमड़ता जनसैलाब इस बात की गवाही देता है कि इस बार एमपी व असम से उड़े गिद्ध झारखंड के जंगलों में आसमान में ही शिकार कर लिए जाएंगे, उन्हें जमीन नसीब नहीं होगा।
दो दिनों के मंईयां सम्मान यात्रा में भीम बराज, मोहम्मदगंज से श्री देव ने भी शिरकत की और कल्पना सोरेन जी के काफिले का हिस्सा बने, वहीं पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं सामाजिक समन्वय का प्रतीक मिट्टी के बर्तन देकर नीलांबर पीतांबर की धरती पर सभी का भव्य स्वागत किया।
हैदरनगर, हुसैनाबाद, छत्तरपुर, पड़वा, मेदिनीनगर, दुबियाखाड़, सतबरवा, मनिका, लातेहार, चंदवा, बालूमाथ, हेरहंज, पांकी और तेतराई में यात्रा को समापन किया। अंतिम दिन उन्होंने कहा कि हर सवाल का जवाब इंकलाब है, क्योंकि यह धरती वीर शहीदों का है, भगवान बिरसा मुंडा का है, बाबा तिलका मांझी, वीर बुधु भगत का है और इस धरती आबा के धरोहर पर कमल नहीं, बल्कि तीर-धनुष की जरूरत है।
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