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चेहलूम: कर्बला के शहीदों का चहलुम संपन्न, जिप उपाध्यक्ष आलोक कुमार ने भी हजारों लोगों के बीच देखा खूनी मातम Chehlum: The funeral procession of the martyrs of Karbala concluded, Zip Vice President Alok Kumar also saw the bloody mourning among thousands of people.

चेहलूम: कर्बला के शहीदों का चहलुम संपन्न, जिप उपाध्यक्ष आलोक कुमार ने भी हजारों लोगों के बीच देखा खूनी मातम Chehlum: The funeral procession of the martyrs of Karbala concluded, Zip Vice President Alok Kumar also saw the bloody mourning among thousands of people.

इमाम ए जुमा सजीर रिज़वी सभा को संबोधित करते हुए

हुसैनाबाद /पलामू :- हुसैनाबाद में आज कर्बला के शहीदों का चेहलूम संपन्न होगया मुख्य रूप में हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चाहने वालों ने हुसैनाबाद के इमाम बाड़ा वक्फ वास्ला बेगम से मातमी जुलूस गांधी चौक के चार मोहान स्थित पहुंच कर खूनी मातम करते हुए हुसैनाबाद के कर्बला पहुंच कर शहीदों को सलामी दी वा फातेहा पढ़ा ।

डॉक्टर नादिर रिज़वी अलम लिए हुए

इस्लामिक जानकारों के अनुसार कहा जाता है की दसवीं मुहर्रम को कर्बला के मैदान में हज़रत ईमाम हुसैन अलैहिस्सलाम तथा उनके परिजनों को यजीदी सेना के द्वारा शहीद कर देने के बाद शहीदों के शवों को तपती जमीन पर यूं ही छोड दिया गया था यजीद के डर से किसी ने उन शवों को दफनाया भी नहीं था । आज उन्हीं शहिदों कि याद में चहलुम मनाया गया ।
सदर इमाम बाड़ा वक्फ वासला बेगम हुसैनाबाद

मुख्य कार्यक्रम वक्फ वासला बेगम सदर इमामबारगाह के मोतवल्ली तकी रिज़वी के नेतृत्व में हुआ, वाजय करदू की इस मौके पर पूर्व मोतवल्ली सह झारखंड अल्प संख्यक महासचिव हसनैन जैदी, भी मौजूद थे ।
इमाम बाड़ा में मजलिस के बाद शहीदों का ताबूत, अलम,सिप्र,दुलदुल  निकाला गया। बताता चलूं की गांधी चौक चार मोहान के समीप मौलाना सैय्यद अली सजीर रिज़वी साहब ने अपने संबोधन में कहा की "आज हम सब शहीदों को श्रद्धांजली देने को यहां निकले हैं। उनपर किए गए जुल्मों को याद कर हम ग़म मना रहे हैं। यह ग़म दुनिया का सबसे बड़ा ग़म है। 

सभा के तकरीर के बाद मताम करते लोग

पैगम्बर मोहम्मद साहब (स०) के परिवार को एक दिन में तत्कालिन यजीद शासक के हुक्म से शहिद कर दिया गया । उन लोगों में यजीद का डर इतना था कि कोई शहीदों के शवों को दफनाने कि हिम्मत नहीं कर सका था
सन् साठ हिजरी में वर्तमान इराक के कर्बला नामी स्थान पर हजरत इमाम हुसैन (अ.स.)  उनके सगे सम्बन्धि, दोस्तों को यजीदी हुकूमत के आदेश पर इन्हें कत्ल कर दिया तथा उनकी औरतों बच्चों को कैदी बना लिया गया था।
दुलदूल को लोग खिलाते हुए

आज ज़माना बदल गया है जहां कर्बला का मैदान वीरान था आज वहां पर लाखो लोग चहलूम मनाने कर्बला पहुंचे हैं। ये है लोगों की ईमाम हुसैन से मोहब्बत।
तकरीर के बाद खूनी मातम किया गया जिसमें लोगों ने जंजीर, बलेड, कमा का मातम कर अपने शरीर से खून बहाया। सभी "या अब्बास" "या हुसैन" का नारा लगा रहे थे।


 
इस खूनी मातम को देखने काफी संख्या में लोग मौजूद थे। बताता चलूं की हुसैनाबाद का चहलुम बहुत प्रसिद्ध है। जिस कारण काफी दूर दूर से लोग इसमें शामिल होने आते हैं।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से मुत्तवल्ली सैयद तकी हुसैन रिज़वी, पूर्व मोतवल्ली सैयद हसनैन जैदी, सैयद फिरोज़ हुसैन, डॉक्टर नादिर रिज़वी, मिर्जा नेहाल, सैयद प्यारे हुसैन, मिर्ज़ा अमिन, सैयद गजंफर हुसैन, सैयद इब्ने हसन, वारिस हुसैन, सैयद फखरू हुसैन, गौहर मिर्ज़ा आदि शांति व्यवस्था बनाने का काम किया । गांधी चौक स्थित सभा का संचालन अरशद हुसैन उर्फ (अर्शी) ने किया। 
ताबूत ले जाते हुए लोग

मार्सिया सैयद रजा ईमाम, सैयद मुहम्मद रजा, बाकर हुसैन, मोजाहिद हुसैन, अख़्तर हुसैन, आदिल हुसैन,आदि ने किया।
नौहखानी मिर्ज़ा समीर, सैयद हसन अली, नकी रिज़वी, हाशिम अली, मिर्ज़ा इसलाम, अल खैबर, रेहान मिर्ज़ा आदि ने किया।
हुसैनाबाद के अलावा हैदरनगर, मोहमदगंज, अमीर नगर झरगड़ा, मांडर, रोहतास आदि से भी लोग जुलूस में शामिल होने आए थे।
सिपर लेजाते हुए लोग

पहलाम के बाद लोगों ने सामूहिक रूप से देश की तरक्की और शांति की दुआ किया, इस उम्मीद के साथ के ज़िंदा रहे तो फिर अगले बरस आऊंगा मौला।
वहीं साजिद हुसैन की ओर से शरबत पानी का प्रबंध किया गया था, बताता चलूं के साजिद हुसैन लगभग 40 बरसों से शरबत पिला रहे है।
राजनीतिज्ञ तौर पर पलामू जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार उर्फ टूटू सिंह भी मौजूद थे ।

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