AD

Breaking News

अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी की कारवाई के बा वजूद भी चल रही कन्फ्यूजन की दुकानदारी Despite the action taken by the in-charge of the sub-divisional hospital shoplifting is still going on due to confusion

अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी की कारवाई के बा वजूद भी चल रही confusion की दुकानदारी Despite the action taken by the in-charge of the sub-divisional hospital, shoplifting is still going on due to confusion


दवा दुकान या चिल्ड्रेन क्लीनिक

हुसैनाबाद/ पलामू जपला छतरपुर मुख्य रोड पर हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल से कुछ ही दूरी पर  एक निजी क्लीनिक का संचालन हो रहा है। उक्त नेम बोर्ड को देखने से पूरी तरह से ये अस्पष्ट नहीं हो रहा की वर्तमान समय में ये क्लीनिक है या दवा दुकान ,निजी क्लीनिक का बोर्ड लगा कर दवा दुकान चलाई जा रही है ऐसा देखने से प्रतीत हो रहा है क्यों की ये लगातार देखा जा रहा की इलाकाई लोग अपने बच्चों को दिखाने के लिए  जाते है।


और वापसी में मेडिकल हॉल से दवा खरीदते है और अपने घर चले जाते है।वही इस निजी क्लीनिक से इलाज करा रहे नगर पंचायत निवासी साहिल ने बताया की मेरे रिश्तेदार में 5 दिन पूर्व एक बच्चा जन्म हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल में लिया था नॉर्मल डिलीवरी के बाद उसे स्तिथि नॉर्मल नहीं रहने के कारण चिल्ड्रेन क्लीनिक के डॉक्टर ने दो दिन देखा और बच्चा की तबियत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टर के संतोष जनक जवाब नहीं दिए जाने पर उसे बाहर ले जाना पड़ा ये लोग मरीज की स्तिथि को देख कर  भी परिजनों को कुछ साफ निर्णय नहीं बताते अगर उसे बाहर नहीं लेकर भागते तो बच्चा नहीं बच पाता। 

वहीं क्लीनिक में क्लीनिक संचालन हेतु लगाए जाने वाले क्लीनिक रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र नहीं लगा हुआ है निजी क्लीनिक में किस डॉक्टर के द्वारा इलाज किया जा रहा नेम बोर्ड पर ये भी अंकित नहीं है। लोगों के द्वारा कहा जा रहा की ये भ्रम की दुकानदारी चल रही है । जब  इस संदर्भ में अनुमंलीय चिकित्सा प्रभारी दीपक कुमार सिन्हा से पूछा गया तो उन्होंने बताया की 14,10 ,2023 तक के अनुमंडलीय निबंधन सूची में ज्योति चिल्ड्रेन क्लीनिक नहीं है। 

______________________________

दवा नहीं मिलने से मरीजों की बढ़ी परेशानी


हुसैनाबाद /पलामू इन दिनों हुसैनाबाद अनुमंडल अस्पताल  में मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है। जिस कारण मरीजों  को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा 
मामूली सर्दी खांसी के लिए ,जो पुर्जा लिखा जा रहा है  उन्हें सिर्फ कालपोल दिया जा रहा है 

पुर्जा पर दर्ज चार दवाओं में सिर्फ एक काल पोल दे कर उन्हे अन्य दवाओं के लिए बाहर से दवा लेने को कहा जा रहा है हुसैनाबाद अनुमंडल अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं होने की सूचना पूर्व में भी चिकित्सकों द्वारा जिला मुख्यालय को दी जा चुकी है। ऐसी बात अनुमंडलीय  अस्पताल  के संबंधित अधिकारियों के द्वारा कही जा रही है  मगर  दवा  उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। अस्पताल के एक चिकित्सक द्वारा दवा नहीं होने की लिस्ट भी स्थानीय मीडिया कर्मियों को दिखाया गया था इस संबंध में हुसैनाबाद अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि अस्पताल से दवा लाने के लिए सूची भेजी गई है। किंतु वहां से 25 प्रतिशत ही दवा मिलती है। इलाका बड़ा है  जिस कारण मरीजों को दवा पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रही है।

उन्होंने कहा कि अस्पताल में दवा उपलब्ध रहती है तो मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाती है। जिसमें परिजनों को कोई भी परेशानी नहीं होती है। बताते चलें कि हुसैनाबाद अनुमंडल पदाधिकारी सह आईएएस आशीष गंगवार द्वारा कई बार अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया है  दवा नहीं होने की बात भी उनकी जानकारी में दी गई थी। किंतु अब तक अस्पताल को दवा उपलब्ध नहीं हो पाई है। इधर मरीजों के परिजनों ने बताया की अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा इलाज कर दवा लिखी जाती है। किंतु अस्पताल से दवा नही रहने की बात कही जाती है। मरीजों ने कहा कि सबसे अधिक परेशानी रात्रि में होती है। बाहरी दवा दुकान बंद रहने के कारण कई मरीज काल के गाल में समा जाते हैं। आखिर कब मिलेगी हुसैनाबाद अनुमंडल अस्पताल से मरीजों को दवा ये एक सवाल बना हुआ है।


कोई टिप्पणी नहीं